|| ख़याल मेरे ||
हिन्दी कविताएं - गणेश नरवणे
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Tuesday, July 29, 2014
करम ही धरम
करम
करम
सब
करम
ही
है
धरम
यही
हो
बस
नेक
करम
हो
और
कोई
ना
और
भरम
हो
बस
नेक
करम
ही
धरम
हो
खुश
रहे
जिसका
दिल
नरम
हो
करम
करम
बस
सब
करम
ही
है
-
गणेश
नरवणे
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